Career heart touching












वो गूंजती रही कानों में मेरे हो जैसे भीड़ का शोर कोई
मै करता अनसुना उसे
जैसे करता है गुरु की डांट  कमजोर बच्चा कोई


 वो फिसलती रही मेरे हाथो की मुट्ठी की लकीर कोई
फिसल जाता है जैसे
दरिया किनारे उठाया मुट्ठी भर रेत कोई

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