Heart touching
जल रही है धरती इंसानियत में आग लगे है
जल रही है धरती इंसानियत में आग लगे है
हैवान बन चुके है फरिश्ते भी और सत्ता धारी पूछते है अब तक आम लोग तो शांत बैठे हैं
बेच आए हैं कफ़न भी ये वतन के नाम का अब कब्र की मिट्टी बेचने आए हैं
जलाकर बंगाल को अब ये दिल्ली जलाने आए है
उजड़ रहे है घर लोगो के तो इनका क्या ये तो वोट बैंक बनाने आए हैंcredit
कैसे बयां करू हालात मै अपने
मुस्कुरा देता हूं अक्सर
हूं जो भीड़ में
रो लेता हूं छुपकर सिसक सिसक कर
ये सोचकर कही कोई देख ना ले
सोचा था करूंगा तरक्की खूब
पर सोचा ये ना था
की तरक्की के चक्कर में परिवार को वक्त देना भी जाएगा छूटcredit
तुम जो मुझे छोड़कर गई हो तुम्हारी एक की कमी चार पूरी करने अाई हैं
की थी सच्ची मोहब्बत जो हमने तुमसे वाह क्या वफा तुमने भी निभाई है
दिया था तुमने धोखा सजा अब सब लडकियो के हिस्से अाई है
credit
Comments
Post a Comment