बचपन के वो सुहाने पल
काश वो दिन फिर आ जाए हम उस बचपन में खो जाएं जवानी है बेरहम काश फिरसे उन बचपन के खिलौनों से खेलने का मौका मिल जाए गाड़ी की सीट से मिलता है आराम काश वो बचपन में सावन के झूले का सुकून मिल जाए पत्नी के हाथ का खाना भरता है पेट काश मां के हाथ का खाना मन भर जाए तनख्वाह के पैसे से चलता है घर काश बचपन में पापा के दिए जेब खर्च से वो गुल्लख फिरसे भर जाए जवानी में दुकान पर राशन की कतार छोड़ो यारो काश वो बचपन में दुकान के आगे खड़े होकर कूद कूद कर कहना अंकल ये मैंगो टॉफी दे दो कहने का मौका फिरसे मिल जाए काश वो दिन फिर अा जाए हम उस बचपन में खो जाएं जवानी है बेरहम काश फिरसे उन बचपन के खिलौने से खेलने का मौका मिल जाए