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Sabka malik ek

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मंदिर में भी वही  मस्जिद में भी वही गीता में भी वही  कुरान में भी वही मंदिर की घंटी में भी वही सुबह की अजान में भी वही वो खुदा है मुझमें भी वही तुझमें भी वही

Maaa ki mamta

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Maa jisne bachpan khoya Ek pariwar ke liye Badi hokr byah jab ayi dekho baccho ke liye khuisya apne Sauk kho di dusre pariwar ke liye Wo wha door dekho koi suraj ko bhi mat de rhi hai Are are ruko Jara gaur se dekho Apne baccho ko liye maa a rhi hai Uske pairo me khadau nhi Chhale hai Magar dekho fir bhi uske mamta ke tarike kitne nirale hai Tan par do hi hath ki saree hai Are are ruko Jra dhyan se dekho Usme bhi bacche ke sar par adhi saree hai Wo jo tharthra rhi hai bhookh se ab tak pyas bhi uski na bujh payi hai Are are ruko Jra dhyan se dekho Bacche ke mukh me dekho dudh pilane ko cchati apni lgayi hai Wo jo nikli na kbhi angan se school ko Dekho wo milo door safar kar ayi hai Wo dekho door wha koi pani se bhi saf a rhi hai Are are ruko jara dhyan se dekho sar par cchata nhi wo to bojha la rhi hai Dekho apne baccho ko liye maa a rhi hai

Career heart touching

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वो गूंजती रही कानों में मेरे हो जैसे भीड़ का शोर कोई मै करता अनसुना उसे जैसे करता है गुरु की डांट  कमजोर बच्चा कोई  वो फिसलती रही मेरे हाथो की मुट्ठी की लकीर कोई फिसल जाता है जैसे दरिया किनारे उठाया मुट्ठी भर रेत कोई
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खूबसूरती चेहरे में नहीं दिल में होती है मोहब्बत जिस्म से नहीं रूह से होती है और जो कहते हैं जिहाद या संख्णाद से मिलती है जन्नत थूकता है उन पर ये शुभम अरे जन्नत तो मां की गोद और पिता के चरणों की धूल में होती है
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वो दौर कुछ और था ये दौर कुछ और है मौत तक दांव पर लगा जाते थे लोग इश्क में फिर भी प्यार नसीब ना होता था मीरा चाहती रह गई थी कृष्ण को कृष्ण चाहते रह गए राधा को मगर यहां अब तो चंद अल्फाजो के आड़ में फरेबी इश्क़ के दामन को बिस्तर की सेज तक ले जाते है अपनी हवस को मोहब्बत का नाम दे आते है और जब बात आ जाए वफा की तो बड़े ही शरीफ बने नजर आते है

Heart touching

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जल रही है धरती इंसानियत में आग लगे है जल रही है धरती इंसानियत में आग लगे है हैवान बन चुके है फरिश्ते भी और सत्ता धारी पूछते है अब तक आम लोग तो शांत बैठे हैं बेच आए हैं कफ़न भी ये वतन के नाम का अब कब्र की मिट्टी बेचने आए हैं जलाकर बंगाल को अब ये दिल्ली जलाने आए है उजड़ रहे है घर लोगो के तो इनका क्या ये तो वोट बैंक बनाने आए हैं credit कैसे बयां करू हालात मै अपने मुस्कुरा देता हूं अक्सर  हूं जो भीड़ में रो लेता हूं छुपकर सिसक सिसक कर ये सोचकर कही कोई देख ना ले सोचा था करूंगा तरक्की खूब पर सोचा ये ना था की तरक्की के चक्कर में परिवार को वक्त देना भी जाएगा छूट credit तुम जो मुझे छोड़कर गई हो तुम्हारी एक की कमी चार पूरी करने अाई हैं की थी सच्ची मोहब्बत जो हमने तुमसे वाह क्या वफा तुमने भी निभाई है  दिया था तुमने धोखा सजा अब सब लडकियो के हिस्से अाई है credit
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जल रही है धरती इंसानियत में आग लगे है जल रही है धरती इंसानियत में आग लगे है हैवान बन चुके है फरिश्ते भी और सत्ता धारी पूछते है अब तक आम  लोग तो शांत बैठे हैं बेच आए हैं कफ़न भी ये वतन के नाम का अब कब्र की मिट्टी बेचने आए हैं जलाकर बंगाल को अब ये दिल्ली जलाने आए है उजड़ रहे है घर लोगो के तो इनका क्या ये तो वोट बैंक बनाने आए हैं